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तर्क निरंतर परिवर्तनशील होते हैं जबकि अध्यात्म तत्व शाश्वत एवं चिरंतन बने हुए हैं। इस अलगावरेखा के बावजूद पिछले कुछ दशकों के इतिहास के पृष्ठों के पलटे तो स्पष्ट देखा जा सकता है कि आध्यात्मिक परंपरा वाले भारत महादेश ने भी विज्ञान एवं प्रोद्योगिक के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दूसरी ओर पश्चिम ने धार्मिक आदर्शवादिता के अनेकों उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। इस तरह पूर्व एवं पश्चिम के बीच अध्यात्म एवं विज्ञान के बीच अलगाव पैदा करने वाली रेखा अब उतनी गहरी नहीं रही।

Logic is constantly changing, while spiritual elements remain eternal and eternal. Despite this separation line, if we turn the pages of the history of the last few decades, it can be clearly seen that the Indian continent with spiritual tradition has also contributed significantly in the field of science and technology. On the other hand, the West has presented many examples of religious idealism. In this way, the line between East and West creating a separation between spirituality and science is no longer that deep.

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वेद ज्ञान

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दिव्ययुग

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