Call : 9302101186, 9300441615 | MAP
­

जीवन को एक स्वप्न की तरह जीने वाले, बेहोशी में जीने वाले-बिना किसी रणनीति या योजना के जीवन जीते दिखाई पड़ते हैं और स्वयं व अन्य के लिए एक दुःख, कष्ट व निराशा से भरे जीवन की स्मृतियाँ छोड़ कर जाते हैं। इसलिए जीवन को एक चुनौतीपूर्ण अवसर मानते हुए, सतर्क व सचेत होकर जीवन जीने की आवश्यकता है, ताकि हमारा जीवन, हमारे लिए एक सौभग्य का कारण बन सके - विषाद व हताश का नहीं।

Those who live life like a dream, living in the unconscious - without any strategy or plan - appear to live life and leave behind memories of a life full of sorrow, pain and despair for themselves and others. Therefore, considering life as a challenging opportunity, there is a need to live life cautiously and consciously, so that our life becomes a cause of happiness for us - not of sadness and despair.

Pain and Despair | Arya Samaj Indore, 9302101186 | Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Pandits for Havan Indore | Court Marriage Indore | Legal Marriage Helpline Consultant Indore | Validity of Arya Samaj Marriage Certificate Indore | Arya Samaj Mandir Shaadi Indore | Arya Samaj Pandits for Legal Marriage Indore | Court Marriage Helpline Indore | Marriage Booking Indore | Vastu Correction Without Demolition Indore | Arya Samaj Mandir Shadi Indore | Arya Samaj Pandits for Pooja Indore | Gayatri Mandir Indore | Indore Aarya Samaj | Vedic Pandits Helpline Indore | All India Arya Samaj Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Pandits for Vastu Shanti Havan Indore | Gayatri Marriage Indore | Marriage by Arya Samaj Inodre

वेद ज्ञान

ved dvd

दिव्ययुग

divyayug patra

Divyayug account details

SSSSS

  • महर्षि दयानन्द का शुद्ध चिन्तन

    ऋषि दयानन्द ने अपना सारा जीवन गुरु को दिए गए वचनों का पालन करने में अर्पित कर दिया। उनका चिन्तन शुद्ध वैदिक था। उन्होंने भ्रम, अंधविश्‍वास व कुरीतियों को दूर करने का सदैव प्रयास किया। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश जैसा अमर ग्रन्थ लिखकर अनेक रूढियों और भ्रान्तियों को दूर किया। इसके अतिरिक्त...

    Read More ...

  • सफल जीवन की इच्छा

    प्रत्येक मनुष्य सफल और सार्थक जीवन तथा आनन्द और प्रसन्नता से भरा जीवन चाहता है। प्रकृति में आनन्द सर्वत्र बिखरा पड़ा है, पर उसे समेटने वाला जो मन होना चाहिए, वह मन हमारे पास नहीं है। भगवान ने हमारे आनन्द के लिए और हमारे जीवन को खुशहाल बनाने के लिये ही सृष्टि की रचना की है। प्रकृति दोनों हाथ फैलाकर...

    Read More ...