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आत्मविश्वासी को प्रारब्धवश असफल होना पड़े, पर यह भी सत्य है कि कोई भी आत्मविश्वासहीन व्यक्ति आज तक बिना प्रयास के सफल नहीं हुआ है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि संभव है कि किसी कुशल किसान की फसल खराब हो जाए, पर जिनको भी कृषि में लाभ मिला है, उनमें से प्रत्येक को खेत जोतने का श्रम तो करना ही पड़ता है। इसी तरह आत्मविश्वास के बिना लौकिक व पारलौकिक जीवन में कोई सफलता संभव नहीं इसे ही ईश्वरीय चेतना का सर्वोपरि उपहार कहा जा सकता है।

A self-confident person may have to fail because of destiny, but it is also true that no self-confident person has ever been successful without effort. It can also be said that it is possible that the crop of a skilled farmer may get spoiled, but those who have got profit in agriculture, each one of them has to do the labor of plowing the field. Similarly, without self-confidence, no success is possible in worldly and worldly life, this can be called the supreme gift of divine consciousness.

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