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वेद भगवान कहते हैं कि सत्य का मार्ग ही सरल है; उसे अपनाने के लिए छल-प्रपंच की आवश्यकता नहीं है। अर्थात सत्य का मार्ग ही कंटक रहित, सरल और सुगम होता है; अतएव सभी को सत्य का आचरण करना चाहिए। 'सत्यं वद, धर्मं चर, स्वाध्यायान्मा प्रमदः' यह भारती संस्कृति का सार है। इसमें सत्य को धर्म से भी पहले स्थान दिया गया। हम सदैव सत्य का ही आचरण करें।

The Lord of Vedas says that the path of truth is simple; There is no need for deception to adopt it. That is, the path of truth is thornless, simple and easy; Therefore everyone should practice the truth. 'Satyam Vada, Dharmam Chara, Swadhyayanma Pramadah' This is the essence of Indian culture. In this, truth was given the first place even before religion. We should always practice the truth.

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वेद ज्ञान

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दिव्ययुग

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