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अगर इच्छा पूरी करनी है तो समय के बिना पूरी नहीं हो सकती। इसके लिए समय चाहिए और अगर हर इच्छा दस इच्छाओं को जन्म दे जाती है तो हर इच्छा के बाद दस गुना समय चाहिए। हर जीवन के बाद हम दस और नई इच्छाएँ पैदा कर लेते हैं। मजेदार बात यह है कि पुरे जीवन हम इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करते आखिर में हम पाते हैं कि कोई इच्छा पूरी ही नहीं हुई, मरते क्षण हम और इच्छाओं को जिंदा कर लेते हैं। तब मरते क्षण में एक और जन्म की आकांक्षा पैदा होती है; क्योंकि इच्छा है तो एक जीवन और चाहिए और जीवन को पाने की इच्छा पुनर्जन्म बन जाती है।

If desire is to be fulfilled, it cannot be fulfilled without time. It takes time and if every desire gives rise to ten desires, then after every desire ten times the time is needed. After every life we ​​create ten more new desires. The funny thing is that the whole life we ​​try to fulfill the desires, in the end we find that no desire has been fulfilled, at the moment of death we revive more desires. Then in the dying moment the desire for another birth arises; Because if there is desire then one more life is needed and the desire to have life becomes rebirth.

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