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आज शिक्षा जगत में, शिक्षण-प्रक्रिया अथवा शिक्षा-व्यवस्था में यदि व्यतिक्रम-विसंगति या बाधा-विरोध अथवा अवरोध नजर आते हैं तो उसके कारणों में पाँच बातों में कहीं न कहीं असंतुलन अथवा असामंजस्य है।
 

Today, in the education world, if there are any discrepancies or discrepancies in the educational process or education system, then there is some imbalance or disharmony in five things due to its reasons.
आर्य समाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।
"आर्यसमाज बैंक कॉलोनी इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारत सरकार नई दिल्ली के भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। इन्दौर में आर्यसमाज मन्दिर बैंक कॉलोनी ट्रस्ट द्वारा संचालित एकमात्र आर्य समाज मन्दिर है। इन्दौर में इसके अतिरिक्त ट्रस्ट का अन्य कोई आर्यसमाज मन्दिर या शाखा नहीं है।विवाह सम्बन्धी कार्यवाही करने से पूर्व आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बड़े हॉल या भवन अथवा मन्दिर या चमकदार ऑफिस को देखकर भ्रमित और गुमराह ना हों।
विशेष सूचना- Arya Samaj तथा Arya Samaj Marriage, Arya Samaj Mandir, Court Marriage, Arya Samaj Head Office तथा प्रादेशिक कार्यालय और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो।

  1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

  2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।

  3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।

  4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो।

  5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।

  6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।

aryasamaj annapurna indore

आर्य समाज विवाह की प्रक्रिया - आर्य समाज विवाह पण्डित जी द्वारा वैदिक मन्त्रों से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न कराया जाता है जिसमें पूजा, हवन, सप्तपदी, हृदय स्पर्श, ध्रुव-दर्शन, सिन्दूर, आशीर्वाद आदि रस्में करायी जाती हैं । विवाह संस्कार के दौरान फोटो खीचें जाते हैं जो विवाह का दस्तावेजी साक्ष्य होता है । विवाह सम्पन्न होने के पश्चात् मन्दिर की ओर से आर्य समाज विवाह प्रमाण – पत्र प्रदान किया जाता है । आर्य समाज द्वारा प्रदान किया गया विवाह प्रमाण – पत्र एक विधिक पति – पत्नी होने का साक्ष्य होता है, जो पूरी तरह वैध और विधिक होता है तथा जो माननीय उच्चतम न्यायलय एवं उच्च न्यायालय द्वारा विधि मान्य है । आर्य समाज विवाह प्रमाण – पत्र के आधार पर विवाह पंजीयन कार्यालय में पंजीकृत कराया जा सकता है, जिसमें हमारे विधिक सलाहकार आपकी पूरी मदद करते हैं ।

राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय

अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट
आर्य समाज मन्दिर अन्नपूर्णा
नरेन्द्र तिवारी मार्ग
बैंक ऑफ़ इण्डिया के पास
दशहरा मैदान के सामने
बैंक कॉलोनी, इन्दौर (म.प्र.) 452009
फोन : 0731-2489383, 9302101186
www.aryasamajindore.com 

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National Administrative Office
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Arya Samaj Mandir Annapurna
Narendra Tiwari Marg
Near Bank of India
Opp. Dussehra Maidan
Bank Colony, Indore (M.P.) 452009
Tel.: 0731-2489383, 9302101186
www.aryasamajindore.com 


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शिक्षण-प्रक्रिया का प्रारंभ माता-पिता से, अभिभावक से प्रारंभ होता है। संतान को जन्म देना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण तो है, उच्च संस्कारों से युक्त संतान को जन्म देना। जन्म तो पशु-पक्षी भी अपने बच्चों को दे देते हैं, परंतु उन्हें व्यक्तित्व देने में असमर्थ होते हैं। माता-पिता यदि सद्गुणसंपन्न होंगे, उनके व्यक्तित्व में पवित्रता व प्रखरता होगी तो उसकी आभा संतान में भी आएगी।
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Teaching process starts with the parents, from the parents. It is not important to give birth to a child, it is important to give birth to a child with high values. Even animals and birds give birth to their children, but they are unable to give personality to them. If the parents are virtuous, there will be purity and intensity in their personality, then their aura will also come in the children.

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