Call : 9302101186, 9300441615 | MAP
­

आर्य समाज विवाह पण्डित जी द्वारा वैदिक मन्त्रों से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न कराया जाता है जिसमें पूजा, हवन, सप्तपदी, हृदय स्पर्श, ध्रुव-दर्शन, सिन्दूर, आशीर्वाद आदि रस्में करायी जाती हैं । विवाह संस्कार के दौरान फोटो खीचें जाते हैं जो विवाह का दस्तावेजी साक्ष्य होता है । विवाह सम्पन्न होने के पश्चात् मन्दिर की ओर से आर्य समाज विवाह प्रमाण – पत्र प्रदान किया जाता है । आर्य समाज द्वारा प्रदान किया गया विवाह प्रमाण – पत्र एक विधिक पति – पत्नी होने का साक्ष्य होता है, जो पूरी तरह वैध और विधिक होता है तथा जो माननीय उच्चतम न्यायलय एवं उच्च न्यायालय द्वारा विधि मान्य है ।

indore arya samaj

आर्य समाज विवाह प्रमाण – पत्र के आधार पर विवाह पंजीयन कार्यालय में पंजीकृत कराया जा सकता है, जिसमें हमारे विधिक सलाहकार आपकी पूरी मदद करते हैं ।
प्रेमी युगलों की सुरक्षा सर्वोपरि एवं गोपनीयता की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रेमी युगलों की सुरक्षा सम्बन्धी दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अनुक्रम में हमारे आर्य समाज मन्दिर द्वारा विवाह के पूर्व या पश्चात वर एवं वधू की गोपनीयता एवं सुरक्षा का ध्यान रखते हुए विवाह से सम्बन्धित कोई भी काग़जात, सूचना या जानकारी वर अथवा वधू के घर या उनके माता-पिता को नहीं भेजी जाती है, जिससे हमारे मन्दिर में विवाह करने वाले युगलों की पहचान को गोपनीय बनाये रखा जा सके, ताकि उनके जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो सके। साथ ही साथ उन्हें उनके माता-पिता या भाई द्वारा आनर किलिंग, हत्या, अपहरण जैसे जघन्य अपराधों से बचाया जा सके तथा प्रेमी युगलों को आत्महत्या के लिए मजबूर होने से रोका जा सके। जिससे हजारों प्रेमी युगलों की जान बच सके जो आये दिन मजबूर होकर ट्रेन के आगे कूदकर या फांसी लगाकर जान दे देतें हैं या उन्हें अपने ही माता-पिता या भाई के हाथों जान से हाथ धोना पड़ता है।

आर्य समाज मन्दिर से विवाह पूरी तरह विधिमान्य है- अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित आर्य समाज मन्दिर से किया गया विवाह संस्कार पूरी तरह विधि मान्य है। आर्य समाज मंदिर में विवाह संस्कार आर्य मैरिज वैलिडेशन एक्ट-1937 के अन्तर्गत वैदिक रीति द्वारा सम्पन्न कराया जाता है, जिसके ऊपर हिन्दू विवाह अधिनियम-1955 के प्रावधान भी लागू होते हैं। आर्य समाज मन्दिर द्वारा विवाह करना माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मान्य है। हमारे आर्य समाज मन्दिर में विवाह संस्कार के दौरान वर (लड़का) व वधू (लड़की) की ओर से प्रस्तुत किये गये सभी दस्तावेजों जैसे आयु प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र, शपथ-पत्र और विवाह संस्कार के दौरान खिंची गयी फोटो पूरी तरह सुरक्षित एवं गोपनीय रखी जाती है ताकि भविष्य में आवश्यकता पडने पर या विषम परिस्थितियों में किसी प्रकार के वाद-विवाद उत्पन्न होने की दशा में माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके और वैवाहिक स्थिति को स्पष्ट एवं प्रमाणित किया जा सके।

परिवार व समाज के लोगों का डर- प्रेम विवाह को भले ही कानूनी मान्यता मिली हुर्इ है तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रेमी युगलों को सुरक्षा एवं संरक्षण प्राप्त है । परन्तु प्रेम विवाह करने वाले युवाओं के दिलो में आज भी अपने परिजनों व समाज का ख़ौफ इस कदर है कि जैसे मानो प्रेम विवाह करना कोर्इ अपराध या पाप हो। अगर मान लो किसी प्रेमी युगल ने घर से भागकर प्रेम विवाह कर लिया तो भी उनके दिल दिमाग में संशय बना रहता है कि उनकी शादी को समाज या परिवार मान्यता देगा या नहीं। झूठे मान सम्मान या जाति या दहेज के नाम पर नवविवाहित प्रेमी युगलों को जान से हाथ धोना पड़ता है और आनर किलिंग जैसे जघन्य अपराध का जन्म होता है| जिस पर माननीय उच्चतम न्यायालय प्रेम विवाह करने वाले युगलों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक गम्भीर व संजीदा है।

अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें -

राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट
आर्य समाज मन्दिर अन्नपूर्णा
नरेन्द्र तिवारी मार्ग
बैंक ऑफ़ इण्डिया के पास
दशहरा मैदान के सामने
बैंक कॉलोनी, इन्दौर (म.प्र.) 452009
फोन : 0731-2489383, 9302101186
www.aryasamajindore.com

-----------------------------------------------------

National Administrative Office
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Arya Samaj Mandir Annapurna
Narendra Tiwari Marg
Near Bank of India
Opp. Dussehra Maidan
Bank Colony, Indore (M.P.) 452009
Tel.: 0731-2489383, 9302101186
www.akhilbharataryasamaj.com 

वेद ज्ञान

ved dvd

दिव्ययुग

divyayug patra

Divyayug account details

SSSSS

  • महर्षि दयानन्द का शुद्ध चिन्तन

    ऋषि दयानन्द ने अपना सारा जीवन गुरु को दिए गए वचनों का पालन करने में अर्पित कर दिया। उनका चिन्तन शुद्ध वैदिक था। उन्होंने भ्रम, अंधविश्‍वास व कुरीतियों को दूर करने का सदैव प्रयास किया। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश जैसा अमर ग्रन्थ लिखकर अनेक रूढियों और भ्रान्तियों को दूर किया। इसके अतिरिक्त...

    Read More ...

  • सफल जीवन की इच्छा

    प्रत्येक मनुष्य सफल और सार्थक जीवन तथा आनन्द और प्रसन्नता से भरा जीवन चाहता है। प्रकृति में आनन्द सर्वत्र बिखरा पड़ा है, पर उसे समेटने वाला जो मन होना चाहिए, वह मन हमारे पास नहीं है। भगवान ने हमारे आनन्द के लिए और हमारे जीवन को खुशहाल बनाने के लिये ही सृष्टि की रचना की है। प्रकृति दोनों हाथ फैलाकर...

    Read More ...