यदि आप ईश्वर के बारे में जानकारी चाहते हो तो उसकी बनाई हुई सृष्टि को देखो। ईश्वर भौतिक रूप से साकार रूप में किसी के पास नहीं आता। वह तो अपने भीतर ही है। उसकी लीला को देखा और समझा जा सकता है। उदाहरण के लिए आप पानी व्यवस्था को ही देखें तो पता चलेगा कि कितना जबरदस्त उसका प्रबन्ध है। पानी के बिना संसार चल नहीं सकता। पहाड़ों पर पानी ज्यादा बरसता है। मगर टिक नहीं सकता। उसके लिए ईश्वर ने पहाड़ों पर स्रोत बनाए। बर्फ पिघलती रहती है। सर्दी में पानी की जरूरत कम होती है, तो बर्फ बनती रहती है। फिर धीरे-धीरे पानी नदी नालों से नीचे की ओर आता है और आखिर में उसी में लीन हो जाता है, जहाँ उसकी मंजिल समुद्र होती है। फिर बादल बनते हैं और वर्षा होती है। यही क्रम निरन्तर चलता चला जाता है।
The world cannot function without water. Water rains heavily on the mountains. But it cannot last. For that God created sources on the mountains. The snow keeps melting. In winters the need for water is less, so snow keeps forming. Then slowly the water comes down through rivers and streams and finally gets absorbed in it, where its destination is the sea. Then clouds form and it rains. This sequence goes on continuously.
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